मेरे लिए ऐसा पारस हैं वो..... छूकर जिन्हें मैं तो कंचन हुई। मेरे लिए ऐसा पारस हैं वो..... छूकर जिन्हें मैं तो कंचन हुई।
अपनी अनाप सनाप जरूरतों हेतु खर्च करते।गांव मेंं अमूमन शांति का माहौल कायम था। अपनी अनाप सनाप जरूरतों हेतु खर्च करते।गांव मेंं अमूमन शांति का माहौल कायम था।
जब सवेरे सात बजे लोग वापस लौटे तो रात की थकान चेहरों पर साफ दिख रही थी। फैसला हो चुका था। सभी घरों म... जब सवेरे सात बजे लोग वापस लौटे तो रात की थकान चेहरों पर साफ दिख रही थी। फैसला हो...
उस शाम अंधेरा होने तक सब उन्हीं की बात करते रहे। उस शाम अंधेरा होने तक सब उन्हीं की बात करते रहे।
बंटी और रोहन दूर खड़े मुस्कुरा रहे थे।समीना नम आँखों से बस एक टक रमेश को देख रही थी। वह एक बार फिर छ... बंटी और रोहन दूर खड़े मुस्कुरा रहे थे।समीना नम आँखों से बस एक टक रमेश को देख रही...
वो खुद एक अनसुलझी पहेली और झूठ का दलदल है उस झूठ में ढकेला मुझे सच दिखाकर। वो खुद एक अनसुलझी पहेली और झूठ का दलदल है उस झूठ में ढकेला मुझे ...